Organization of workshop of Satyug Darshan Sangeet Kala Kendra by Dr. CP Yadav chairman of the Magic Book of Record
सतयुग ग्राम शिक्षा केंद्र में सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र की कार्यशाला का आयोजन।
फरीदाबाद दिनांक ३ मार्च सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा गांव महावतपुर में स्थापित सतयुग ग्राम शिक्षा केंद्र में सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र की ओर से आज संगीत की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के चेयरमैन डॉक्टर सी. पी. यादव उपस्थित थे, जो स्वयं एक उच्च कोटि के मैजिशियन हैं, उनके स्वागत में उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट किए गए, इनके अतिरिक्त सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के प्रधानाचार्य महोदय दीपेंद्र कांत जी भी उपस्थित रहे।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर संगीत की विभिन्न कलाओं यथा गायन, वादन और नृत्य कला का सफलता पूर्ण प्रस्तुतिकरण हुआ। कार्यक्रम का आरंभ रूपाली मैडम द्वारा एक भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुति से हुआ, तत्पश्चात स्वाति जैन तथा श्री केशव जी द्वारा एकल गायन की प्रस्तुति ने रंग बिखेर दिए। संगीत कला केंद्र के विद्यार्थी मन्नत और महक के युगल गीत ने श्रोताओं का मन मोह लिया। सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के होनहार छात्रों द्वारा विभिन्न वाद्य यंत्रों की भावपूर्ण प्रस्तुति वास्तव में ही काबिले तारीफ़ रही। संगीत कला केंद्र के अध्यापक व तबला वादक श्री संजय जी ने तीन ताल पर तबला प्रस्तुति दी।
ज्ञातव्य हो कि आज पूरे भारत में सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र की कुल सत्रह शाखाएं कार्यरत्त हैं, जो प्रयाग संगीत समिति (इलाहाबाद) द्वारा पंजीकृत हैं। केंद्र की ये सभी शाखाएं निरंतर उन्नति के मार्ग पर अग्रसर हैं। संगीत कला केंद्र के प्रधानाचार्य श्री दीपेंद्र जी ने इस अवसर बच्चों को बताया कि संगीत आलस और तनाव को दूर कर शरीर में नव चेतना का संचार करता है, पढ़ाई में कमजोर बच्चों को यदि संगीत का साथ मिल जाए तो उनकी रुचि पढ़ाई में बढ़ जाती है, क्योंकि संगीत में चित्त को एकाग्र करने की शक्ति है।
अंत में सतयुग ग्राम शिक्षा केंद्र की अध्यक्षा श्रीमती वीना जी ने डॉक्टर सी पी यादव जी को धन्यवाद देने से पूर्व उनसे बच्चों को कुछ मैजिक दिखाने का अनुरोध किया। इससे उत्साहित हो कर डॉक्टर यादव जी ने नोटों की वर्षा के मैजिक दिखाए, जिससे बच्चे बहुत प्रभावित हुए, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
संगीत कला केन्द्र के प्रधानाचार्य श्री दीपेंद्र कांत जी ने बच्चों को सप्ताह में एक बार दो घंटे के लिए संगीत सिखाने का वादा भी किया।
कुल मिलाकर संगीत की कार्यशाला बच्चों को प्रभावित करने में पूर्णतः सफल रही।